ट्रैफिक पुलिस को इयरप्लग्स और इयरमफ से मिल सकती है शोर से राहत
एम्स के ईएनटी विभाग में हाइब्रिड कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेशभर में फ्रंटलाइन पर कार्य करने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को ध्वनि प्रदूषण से बचाने के लिए इयरप्लग्स और इयरमफ प्रयोग करने पर जोर दिया गया।
अत: समय रहते ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की जांच करने और उचित उपाय अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने पुलिसकर्मियों के नियमित आडियोमेटरी जांच और स्क्रीनिंग की भी आवश्यकता बताई। इसके लिए एम्स की ओर से हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
डा. रूपा मेहता ने बताया कि देशभर में ट्रैफिक से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को 103 डेसीबल तक पाया गया है। ऐसे में कानों में इयरप्लग्स और इयरमफ का प्रयोग जरूरी हो जाता है। इनके प्रयोग न करने से सुनने की क्षमता पर और श्रवण शक्ति कम होने का असर सामाजिक जीवन पर भी पड;ता है।
उन्होंने ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगातार विभिन्न् चौराहों पर बदलने और उनकी नियमित जांच कराने का भी सुझाव दिया। मौके पर एआइजी (ट्रैफिक) संजय शर्मा, डीएसपी (ट्रैफिक) दुर्ग गुरजीत सिंह, डा. मीनपाल, लीड मेंबर, रोड सेफ्टी आदि उपस्थित थे। इसके साथ ही कई पुलिस अधिकारी आनलाइन उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रो. डा. आलोक अग्रवाल, प्रो. रामांजन सिन्हा सहित ट्रैफिक पुलिसकर्मी और चिकित्सक उपस्थित थे।