नाभा कांड-पकड़े ना जाते तो कई और कत्ल होते

Report: Parveen Komal 9876442643

पटियाला जिला के नाभा में हत्या और डकैती की दिल दहला देने वाली वारदात करने वाले लुटेरे अगर पटियाला पुलिस द्वारा पकड़े न जाते तो यह हत्यारे पता नहीं और कितने कत्ल करने में सफल होते क्योंकि पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में इन्होंने कई कत्ल और लूट की वारदातों को कबूला है।
यह लुटेरे नौसीखिए नहीं थे बल्कि पेशेवर कातिल और लुटेरे थे। इन्होंने विभिन्न वारदातों में तीन कत्ल कर डाले, दो लोगों को गंभीर रूप से जख्मी किया और लगभग एक करोड रुपए की धनराशि के इलावा वाहन भी लूटे। इन पकड़े गए लुटेरों के अंजाम से अपराधियों को जान जाना चाहिए कि अपराध का रास्ता ज्यादा लंबा नहीं होता और जुर्म से हासिल भी कुछ नहीं होता।
इस सारे ऑपरेशन के सिलसिले में  पुलिस न्यूूूज़ इंडिया   को जानकारी देते हुए पटियाला के एसएसपी श्री मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि इस घटना के मुख्य दोषी अमरजीत सिंह गुरी और उसके साथी जगतार सिंह तारी ने इस घटना में इस्तेमाल किये गए रिवाल्वर, कत्ल करने के बाद बैंक गार्ड प्रेमचंद से छीनी गई 12 बोर की बंदूक और 50 लाख की करंसी वाला ट्रंक गन्ने के खेत में छुपा दिया था जिसे पुलिस ने इन दोषियों की निशानदेही पर बरामद किया है। एसएसपी पटियाला में बताया कि अमरजीत सिंह गुरी और जगतार सिंह तारी की तरफ से शॉर्टकट से अमीर बनने की लालसा के चलते लूटमार करने के बाद बटोरी गई रकम के लगभग 24 लाख रुपये की राशि के भी बैंकों में जमा होने का पता चला है । उन्होंने बताया कि इन बैंक खातों को पुलिस की तरफ से फ्रीज करवा दिया गया है। इन कातिल लुटेरों ने लूट की कमाई से तेल ढोने के 4 टैंकर भी खरीदे । पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि लूट की कमाई से इन लुटेरों ने और कहां-कहां इन्वेस्टमेंट की है । गौरतलब है कि 2014 से लेकर 2018 तक इनके खिलाफ कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ इसलिए पुलिस इस बात की भी जांच पड़ताल कर रही है कि इस समय के दौरान उन्होंने और क्या-क्या करतूतें कीं।
एसएसपी पटियाला श्री मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि जगदेव सिंह तारी कुपुत्र करनैल सिंह निवासी मंगवाल जिला संगरूर और अमरजीत सिंह गुरी कुपुत्र गुरजंट सिंह निवासी 196 अफसर कॉलोनी संगरूर के खिलाफ नाभा कोतवाली में धारा 302,392,34 आईपीसी और 25,27,54,59 आर्म एक्ट के अंतर्गत 14-11-2018 को घटना के तुरंत बाद एफ आई आर दर्ज की गई थी । अभी पुलिस द्वारा इन का और रिमांड लिया जाएगा जिसके दौरान इनकी अपराधिक कार्रवाइयों के बारे में और भी गहराई से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी । जुर्म की दुनिया के यह खिलाड़ी इतने शातिर थे कि लूट मार और हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए यह किसी टोल रोड की तरफ से नहीं जाते थे। यह हमेशा वारदात करने के लिए कच्चे रास्तों का इस्तेमाल करते थे क्योंकि संगरूर की वारदात के बाद बहुत कोशिश के बाद भी कहीं से भी इनकी सीसीटीवी फुटेज प्राप्त नहीं हुई थी। इन जघन्य अपराधों के सूत्रधारों ने अपनी गुनाहों की वारदातों को अंजाम देने की स्कीम बनाने और छुपने के लिए एक कमरा लिया हुआ था जहां से बुलेट मोटरसाइकल और नगदी से भरी एक बोरी भी बरामद हुई है। यह शातिर लुटेरे वारदात के समय पुलिस को धोखा देने के लिए विभिन्न बहु रूप धारण कर लेते थे ताकि यह पकड़े ना जा सकें। संगरूर की वारदात में इनमें से एक ने पगड़ी पहनी थी और दूसरे ने हेलमेट पहना था। दूसरी वारदात में दोनों ने हेलमेट पहना था और नाभा कत्ल और डकैती कांड में इन दोनों ने पगड़ी बांधी थी। थोड़े समय में ही इन्होंने बहुत सी वारदातों को अंजाम दिया था, जिसमें से 14 मई 2018 को संगरूर में सीरियल टावर के निजी सुरक्षा गार्ड लीला सिंह को गोली मार के 9 लाख रुपये नगद और 12 बोर डबल बैरल बंदूक छीन ली थी। इस सिलसिले में मुकदमा नंबर 144 धारा 394, 394 व 34 आईपीसी और 25 आर्म एक्ट के अंतर्गत दिनांक 14 मई 2018 को थाना सिटी संगरूर में दर्ज हुआ था। समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुके इन दरिंदों ने नाभा में ही 1 फरवरी 2014 को अल्होरां गेट के पास एक और बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। इसमें सिक्योरिटी गार्ड रणधीर सिंह को गोलियां मारकर कत्ल कर दिया था और 37 लाख रुपए नगद और एक 12 बोर दोनाली बंदूक भी छीन ली थी जिसके सिलसिले में इनके खिलाफ दिनांक 1 फरवरी 2014 को नाभा कोतवाली में धारा 302,392 व 34 आईपीसी और 25 आर्म एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस वारदात में इनका एक तीसरा साथी हरदेव सिंह लवली जो संगरूर जिला के गढ़दीपुर का रहने वाला था भी शामिल था जिसकी बाद में 2015 में किडनी फेल होने की वजह से मौत हो गई थी। एसएसपी पटियाला श्री मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि इस बात की भी गहराई से छानबीन की जाएगी कि इस व्यक्ति ने लूट की राशि के अपने हिस्से के पैसे को कहां कहां लगाया या छुपाया। इस भयानक गैंग ने 13 जुलाई 2018 को मेन रोड घाबदा के पास पटियाला भवानीगढ़ रोड संगरूर से सुखपाल सिंह नाम के गनमैन को गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था और उससे 5 लाख रुपये नगद, एक एटीएम, एक पैन कार्ड और बैंक की चाबियां छीन ली थीं जिस संबंध मे इनके खिलाफ 13 जुलाई 2018 को थाना सदर संगरूर में धारा 393 और 34 आईपीसी के तहत मुकदमा नंबर 71 दर्ज हुआ था। इन लुटेरों के हौसले बहुत ज्यादा बढ़ चुके थे और यह हमेशा शिकार की तलाश में रहते थे। छीना झपटी लूटमार करते हुए यह किसी बात की परवाह नहीं करते थे और विरोध करने वाले को तुरंत मार देते थे। इनको सिर्फ मतलब था लूटमार करने से और इसके लिए यह हर नाजायज तरीका अपनाते थे। इसी के चलते इन्होंने 26 अक्टूबर 2018 को रेलवे स्टेशन धूरी के गेट नंबर 55 के निकट हरियाणा के जिला जींद के थाना उचाना के दलखेड़ी के रहने वाले रवि पुत्र ओमपाल से उसका विवो कंपनी का मोबाइल फोन और बुलेट मोटरसाइकिल एच आर 32 जे 4247 भी रिवाल्वर की नोक पर छीन लिया था। यही मोटरसाइकिल उन्होंने नाभा में अंजाम दी गई वारदात में इस्तेमाल किया था जिसके बाद 27/10/2018 को पीड़ित ने धारा 392/34 आईपीसी और 25 आर्म्स एक्ट के तहत मुकद्दमा नम्बर 69 जी आर पी थाना संगरूर में दर्ज करवाया था। नाभा डकैती से पहले मुख्य दोषी अमरजीत सिंह गुरी नाभा में देसी अंडे खरीदने के बहाने आता था। जहां रैकी करते हुए इसने एसबीआई के बैंक को निशाना बनाने की स्कीम तैयार की। जगतार सिंह तारा इसका सहायक था और लूट के पैसे में से उसको यह उसका हिस्सा दे देता था । गौरतलब है कि पटियाला पुलिस ने मृतक बैंक सुरक्षा गार्ड प्रेमचंद के परिवार को अपनी 1 लाख रुपये की इनामी राशि
देने के साथ आर्थिक मदद तो की ही है इसके साथ ही उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों से बात करके यह बात भी सुनिश्चित की है कि अगले महीने होने वाली प्रेमचंद की पुत्री की शादी पर माली इमदाद भी की जाए जिसके चलते बैंक अधिकारियों ने मृतक के भोग से पहले हर तरह की मदद करने का भरोसा दिया है ।
समाज के शांतिपप्रिय नागरिकों के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुके इन दुर्दांत हत्यारे लुटेरों को पकड़ने के लिए एसएसपी श्री मनदीप सिंह सिद्धू और उनके साथ एसपी इन्वेस्टिगेशन श्री मनजीत सिंह बराड़, डीएसपी नाभा श्री देवेंद्र कुमार अत्री, डीएसपी इन्वेस्टिगेशन श्री सुखमिन्दर सिंह चौहान, क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी पटियाला के इंस्पेक्टर शमिंदर सिंह, थाना कोतवाली नाभा के मुख्य अधिकारी सब इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह, थाना सदर नाभा के मुख्य अधिकारी जय इंद्र सिंह का सराहनीय योगदान रहा। अगर इन खतरनाक आदमखोर दरिंदों को पटियाला पुलिस की तरफ से गिरफ्तार करने में जरा सी भी चूक होती तो ना जाने कितनी और निर्दोष जिंदगियां इनके निशाने पर आ जातीं,इस बात की आसानी से कल्पना की जा सकती है। इस गैंग का सफाया करने से समाज और आम जनता को दरपेश बहुत बड़े खतरे से निजात मिली है जिसके लिए ऐसे बहादुर पुलिस अधिकारियों का जगह-जगह समागम करके सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने किसी इनाम के लालच के लिए अपनी जान जोखिम में नहीं डाली। असल में इन्होंने वर्दी पहनने के बाद आम जनता की जान माल की सुरक्षा के लिए खाई हुई कसम और किये हुए वादों की इज्जत रखने के लिए अपने आप को खतरे में डालने से भी संकोच नहीं किया क्योंकि जिन हत्यारों के मुंह को खून लग चुका हो उनके लिए पुलिस कर्मचारियों की जान ले लेना भी कोई बड़ी बात नहीं।

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