100 दिन चोर के, 1 दिन एस एस पी सिद्धू और उनकी टीम का

Report: Khalsa Gurmit Singh Tung

पटियाला पुलिस ने आईएएस अधिकारी और पटियाला के पूर्व डिप्टी कमिश्नर श्री वरुण रुजम के ससुर के श्री स्वर्ण सिंह के अंधे कत्ल के संबंध में बड़ी सफलता हासिल करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने यह कबूल किया है कि उन्होंने सुपारी लेकर इस कत्ल को अंजाम दिया. इस सिलसिले में पी एन आई PNI को बताते हुए  पटियाला के एसएसपी श्री मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा  कि पटियाला पुलिस को यह बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. उन्होंने बताया कि पटियाला के एसपी इन्वेस्टिगेशन  मनजीत सिंह बराड़ की जेरे निगरानी में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया था ताकि इस अंधे कत्ल का पता लगाया जा सके. इस इन्वेस्टिगेशन टीम के मेंबरों में सर्कल  राजपुरा के डीएसपी श्री कृष्ण कुमार पांथे, थाना सदर राजपुरा के इंस्पेक्टर दलबीर सिंह और सीआईए पटियाला के इंस्पेक्टर शमिंदर  सिंह ने स्वर्ण सिंह पुत्र बचन सिंह निवासी 404 सेक्टर 35 चंडीगढ़ का उकसी सैनीयां गांव के नजदीक हुए कत्ल के संबंध में पूरी जांच-पड़ताल की, इस कत्ल के सिलसिले में सदर थाना राजपुरा में भारतीय दंड संहिता 302 और आर्मस एक्ट  25-54-59 के अंतर्गत  18 नवंबर 2017 को एफ आई आर नंबर 87  दर्ज हुई थी जिस के सिलसिले में जांच-पड़ताल करते हुए 17 दिसंबर 2018 को देर शाम इस एफ आई आर के दोषी जगतार सिंह निवासी नारायणा  थाना बडाली आला सिंह जिला फतेहगढ़ साहिब को बनूड़ टैक्स बैरियर  से गिरफ्तार किया.

इसके अलावा दाना मंडी साहा से सतविंदर सिंह उर्फ सत्ता पुत्र नरेंद्र सिंह वासी गांव पिलखनी थाना साहा जिला अंबाला और कार्तिक चौहान उर्फ सचिन निवासी बीटा थाना साहा अंबाला को मौका ए वारदात के समय इस्तेमाल की गई स्विफ्ट डिजायर गाड़ी जिस पर फर्जी नंबर 14 02 एपी 0021 लगा हुआ था, गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. इसके बाद इन दोषियों से वैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि स्वर्ण सिंह के साथ उनकी मुलाकात साल 2008 में हुई थी, इस मुलाकात में जगतार सिंह ने स्वर्ण सिंह को अपने भरोसे में ले लिया और उसको नारायणा गांव में ही जमीन खरीदने के लिए राजी कर लिया इसके बाद स्वर्ण सिंह से 20 लाख रुपये  प्रति एकड़ के हिसाब से करीब 20 एकड़ जमीन दिलवाने के बदले मोटी रकम हासिल कर ली गई और 20 एकड़ जमीन की फर्जी फर्द  बनाकर स्वर्ण सिंह को दे दी गई और स्वर्ण सिंह के एक रिश्तेदार हरबंस सिंह से भी करीब 10 या 12 एकड़ जमीन दिलाने के बदले मोटी रकम हासिल करके उसको भी एक जाली फर्द बना कर दे दी गई. जबकि असल में सिर्फ 10 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई थी लेकिन स्वर्ण सिंह उसके रिश्तेदारों पर भरोसा बनवाने के लिए जगतार सिंह ने उनको करीब 30-32 एकड़ जमीन का अपनी जमीन के साथ लगता एक टुकड़ा दिखाकर उस जमीन को स्वर्ण सिंह की बताते रहे और उस पर भरोसा बनाने के लिए 32 एकड़ जमीन की खुदकाश्त करके जमीन का ठेका उसको देता रहा था कि स्वर्ण सिंह बगैरा को उसकी तरफ से जमीन की ठगी के बारे में कोई शक ना हो.

 इस सिलसिले में पुलिस न्यूज़ इंडिया को आगे बताते हुए एसएसपी श्री सिद्धू ने खुलासा किया के दो ढाई महीने पहले स्वर्ण सिंह को उसकी हरकतों के चलते शक होना शुरू हो गया था. स्वर्ण सिंह ने अपना शक दूर करने के लिए नारायणा गांव के पटवारी से अपनी जमीन के संबंध में पड़ताल करनी शुरू की. इसका पता जगतार सिंह को चल गया और जब उसको यह लगा कि उसका पर्दाफाश हो रहा है और उसकी तरफ से मारी गई लाखों रुपए की ठगी जाहिर हो जाएगी तो उसने  स्वर्ण सिंह का कत्ल करने का मन बना लिया और अपने दूर के रिश्तेदार सतविंदर सिंह और सत्ता निवासी गांव पिलखनी अंबाला के जरिए कार्तिक चौहान और चरण सिंह उर्फ चिंटू  से संपर्क किया और इन तीनों को 15-15 लाख  की फिरौती देने का वायदा किया और इनको अपने कारों के सेल परचेस के काम में बगैर कोई पैसा दिए हिस्सेदार रख दिया और सरकार के सौदे के समय एक एक लाख देने का वादा किया और एडवांस के तौर पर इनको  तीन लाख  और एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी दे दी और बाकी बची हुई रकम जो स्वर्ण सिंह का कत्ल करने के बाद जगतार सिंह ने देने का वायदा किया. स्वर्ण सिंह के कत्ल की बात तय होने के बाद जगतार सिंह ने इन से  चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में रेकी करवाई और स्वर्ण सिंह के फोटो भी दिए और उसकी शिनाख्त भी करवा दी कि इसका कत्ल करना है. लेकिन क्योंकि स्वर्ण सिंह वहां पक्के तौर पर आता जाता नहीं था इसलिए उसके कत्ल में सफलता प्राप्त नहीं हो सकी, जगतार सिंह पिछले 10 साल से स्वर्ण सिंह के साथ काफी घुल मिल गया था और स्वर्ण सिंह को कई धार्मिक जगह पर भी लेकर जाता था और उसको इस बात का भी पता था कि स्वर्ण सिंह हर महीने की दशमी को अपने पुश्तैनी गांव में बनी शहीदों की समाज पर माथा टेकने जाता है. 18 नवंबर को   दोषियों ने स्विफ्ट डिजायर गाड़ी पर नकली नंबर लगाकर सतविंदर सिंह उर्फ सत्ता कार्तिक चौहान चरण सिंह उर्फ चीनू और जगतार सिंह के साथ तैयार किए गए प्लान के मुताबिक लगभग 9:10 बजे सुबह घटनास्थल पर   स्वर्ण सिंह की इंतजार करते रहे. जब स्वर्ण सिंह को  कार पर इन्होंने  जीटी रोड राजपुरा-सरहद के अंडर ब्रिज के नीचे से आता देखा तो उन्होंने अपनी गाड़ी स्वर्ण सिंह की कार के आगे लगाकर उसको रोक लिया. उसके बाद तीनों ने स्वर्ण सिंह को घेर लिया और स्वर्ण सिंह से कार का शीशा खुलवा  के उस पर ड्राइविंग सीट पर बैठे बैठे ही सिर और छाती पर बहुत नजदीक से देसी कट्टे से 32 बोर की 4 गोलियां मारकर उसका कत्ल कर दिया और जगतार सिंह की तरफ से तोहफे में दी गई स्विफ्ट डिजायर गाड़ी पर सवार होकर मौका ए वारदात से फरार हो गई. इस सिलसिले में छानबीन में यह सामने आया है कि जगतार सिंह ने  से हासिल की गई रकम से चिराग एनक्लेव चंडीगढ़ में 3 फ्लैट, मोहाली के सेक्टर 15 में 500 वर्ग गज का प्लाट, नरेना गांव में 5 एकड़ जमीन और गांव में ही 41 एकड़ पंचायती जमीन और करोड़ों रुपए के लग्जरी वाहन भी खरीदे हैं.

जिस के सिलसिले में पड़ताल चल रही है. ठगी के पैसों से अपना महंगा शौक पूरा करने के लिए महंगी लग्जरी गाड़ियां और ट्रैक्टर मोटरसाइकिल खरीद की थी जो mercedes-benz की एक स्पोर्ट्स कार, माइक्रा कार, हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल, बुलेट मोटरसाइकिल जॉन डियर ट्रैक्टर 120 हॉर्स पावर, 60 हॉर्स पावर का हालैंड ट्रैक्टर, 35 हॉर्स पावर का एक मेसी ट्रेक्टर और और एक छोटा हाथी वाहन जगतार सिंह की निशानदेही पर बरामद कर लिए हैं. कतल के इस्तेमाल किया गया  कट्टा फरार दोषी के पास हो सकता  है उसको गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पार्टी रवाना की गई हैं और गिरफ्तार किए गए दोषियों जगतार सिंह,सतविंदर सिंह उर्फ सत्ता और कार्तिक चौहान और सचिन को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड लिया जायेगा . गौरतलब है कि इस वारदात के  बाद इलाके के लोगों में एक सहम का वातावरण पैदा हो गया था और लोगों में इस बात की चर्चा थी कि यह वारदात आतंकवाद से जुड़ी वारदात हो सकती है, इस चर्चा  के चलते इलाके में बेचैनी का माहौल था लेकिन पटियाला पुलिस ने इस वारदात को थोड़े ही समय में ट्रेस करके आम जनता में पैदा भय के माहौल को समाप्त किया और यह साबित हुआ कि यह कत्ल  लालच के चलते किया गया है और यह कोई आतंकवादी वारदात नहीं थी. इससे यह भी जाहिर होता है कि मुजरिम कितना भी चालाक हो लेकिन पुलिस और कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और उसके गिरेबान तक पहुंच ही जाते हैं लालच बस किए गए इस कत्ल के  दोषियों को शिनाख्त परेड की औपचारिकताओं के चलते काले नकाब पहना कर मीडिया के सामने पेश किया गया था और कुदरत की तरफ से उनको इस तरह काला मुंह करने की भी सजा मिली. दुनियावी  तौर पर तो उनका काला मुंह हो ही गया लेकिन कुदरत के निजाम में भी उनकी आत्मा और उनका शरीर दोनों कलंकित हो गए. पटियाला पुलिस ने एसएसपी श्री मनदीप सिंह सिद्धू की अगवाई में अब तक 15 अंधे कत्ल  की वारदातों को हल करने में सफलता हासिल की है. इस सिलसिले में पुलिस न्यूज़ इंडिया को एसएसपी श्री मनदीप सिद्धू ने बताया कि  इस सारी कामयाबी का श्रेय उनकी मेहनती को जाता है . इस घटनाक्रम  से यह भी साबित हुआ कि 100 दिन चोर के  बाकी दिन एस एस पी मनदीप सिंह सिद्धू और उनकी टीम के.

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