छुरे की नोक पर बारांदरी में लूटा डॉक्टर को-इलाके में सहम छाया
2018 का आखिरी महीना राज नर्सिंग होम पटियाला के मालिक डॉ राजन के लिए बेहद डरावने अनुभव लेकर आया। डॉ राजन कुछ दिन पहले काली देवी मंदिर से रात को करीब 10:00 बजे अपने घर निहाल बाग पैदल जा रहे थे। जब वो कंज्यूमर कोर्ट के सामने से जा रहे थे तो पीछे से तीन बदमाश मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए और उनमें से दो व्यक्तियों ने पीछे से डॉक्टर राजन पर किसी भारी चीज से गर्दन पर प्रहार किया और जब राजन गिर गए तो उनका चश्मा टूट गया और उनके चेहरे से खून बहने लगा तो इन बदमाशों ने छुरा निकालकर डॉ राजन के पेट पर लगा दिया और उनको अपना सब कुछ हवाले कर देने के लिए कहा और डॉक्टर राजन की तलाशी ली और उनकी जेब से दो मोबाइल बगैरा निकाल लिए और डॉक्टर राजन को धमकाया कि अगर शोर मचाया तो यहीं पर जान से मार देंगे ।घबराए हुए डॉक्टर ने चुप रहना ही मुनासिब समझा और वह बदमाश अपने तीसरे साथी के मोटरसाइकिल पर बैठकर कैपिटल सिनेमा की तरफ फरार हो गए। पटियाला के लोगों को चाहिए कि रात को अंधेरे में बारादरी गार्डन में इस इलाके में जाने से पहले सावधानी बरतें और अगर यह इलाका सुनसान हो तो इस इलाके से पैदल बिल्कुल भी न गुजरे ताकि किसी और के साथ डॉक्टर राजन जैसी वारदात ना हो। बारादरी गार्डन में प्रेस क्लब पटियाला के इर्द-गिर्द काफी सन्नाटा रहता है जिसका फायदा गुंडा तत्वों द्वारा उठाया जाता है क्योंकि पीसीआर द्वारा इस इलाके में गश्त नहीं लगाई जाती कियूंकि इस इलाके में ठंड कुछ ज्यादा ही रहती है । आम लोगों को चाहिए कि इस एरिया में आने वाले दिनों में धुंध की संभावना के चलते अगर रात को इस इलाके से गुजरना हो तो पहले थाना लाहौरी गेट को इतलाह अवश्य दी जाए ताकि उनके जान माल की सुरक्षा की जा सके। डॉक्टर साहब ने बताया कि उन्होंने थाना लाहौरी गेट के एसएचओ श्री जान पाल सिंह को इस घटना के बारे में बता दिया था। बड़ी उम्मीद है कि श्री जान पाल सिंह किसी काबिल एसआई की ड्यूटी इस वारदात को हल करने में लगाएंगे क्योंकि लाहौरी गेट के सहायक थानेदारों को वारदात करने वालों को सम्मन जारी करके बुलाने का काफी तजुर्बा प्राप्त है और अगर इस तरह की लूट की वारदात करने वाला कोई आरोपी बार बार परवाने रिसीव करने पर भी लाहौरी गेट थाना में अपनी हाजिरी नहीं भरता तो काबिल थानेदार उसका 107/50 की अत्यंत सख्त धारा का कलंदर बनाकर एसडीएम पटियाला को भेज देते हैं जिसके बाद वहां पर लगे हुए नायब कोर्ट कई परवाने जारी करते हैं और इस जबरदस्त प्रकिर्या से बहुत बड़ी और आशा को चकाचौंध कर देने वाली उम्मीद पैदा हो जाती है कि आरोपी अपने आप थानेदार साहब के या एसडीएम साहब के सामने पेश होकर कानून का पालन करके अच्छा नागरिक होने का सबूत देगा।