एस एस पी पटियाला एच एस भुल्लर ने कारोबारी जगतार सिंह बिट्टू के खुदकुशी मामले में नामजद किए जनसुआ चौकी इंचार्ज निशान सिंह को इंचार्ज के पद से हटाया
पैसों के लेनदेन को लेकर विवादित हुए कारोबारी जगतार सिंह बिट्टू के खुदकुशी मामले में नामजद किए जनसुआ चौकी इंचार्ज निशान सिंह को इंचार्ज के पद से हटा दिया गया है। इस केस में नामजद आरोपित विधान चंद उर्फ विक्की गर्ग निवासी सूलर गांव की तलाश में छापामारी की जा रही है, जिसके लिए दो टीमें रेड पर हैं। इस केस की जांच चलने के दौरान एएसआइ निशान सिंह चौकी इंचार्ज के पद पर काम नहीं करेंगे। केस की जांच का जिम्मा थाना सदर के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनप्रीत सिंह को सौंपी गया है, जिसकी देखरेख डीएसपी रूरल सुखमिदर सिंह चौहान करेंगे। एसएसपी हरचरन सिंह भुल्लर ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने तक चौकी इंचार्ज को हटा दिया गया है। रिपोर्ट में चौकी इंचार्ज कसूरवार पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। रिपोर्ट में बेकसूर साबित होता है तो उसे दोबारा से चौकी इंचार्ज भी लगा सकते हैं। फिलहाल केस की जांच चलने पर तक वह चौकी से हटा दिया है।
दो पन्नों का सुसाइड नोट छोड़कर खुदकुशी करने वाला जगतार सिंह बिट्टू का पोस्टमार्टम बुधवार को राजिदरा अस्पताल में करवाया गया। जगतार के दोनों बच्चे व पत्नी आस्ट्रेलिया में रहते हैं, यहां मंझाल कलां स्थित कोठी में वह अपने भाइयों के साथ रहता था। ऐसे में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस की मौजूदगी में दाह संस्कार करवाया गया।
घटना के अनुसार विक्की गर्ग ने जगतार सिंह पर पैसे न देने का आरोप लगाते हुए राजपुरा में शिकायत दी थी। केस की जांच एएसआइ निशान सिंह कर रहा था, 16 नवंबर को सवा 11 बजे के करीब निशान सिंह पुलिस पार्टी के साथ जगतार सिंह के घर पहुंचा। जिन्हें देखने के बाद जगतार सिंह ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मामले में मृतक जगतार सिंह के भाई बिक्रम सिंह के बयान पर विधान चंद व निशान सिंह पर केस दर्ज हुआ है।
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से खरीदी डंपिंग ग्राउंड वाली जमीन को लेकर चल रहे विवाद के बाद डीएसपी राजपुरा के पास रियल एस्टेट कारोबारी के खिलाफ शिकायत पहुंची। इस शिकायत की जांच में शामिल होने के लिए चौकी जनसुआ इंचार्ज परवाना नोट (समन) करवाने कारोबारी के घर मंझाल खुर्द गांव पहुंचे। अपने घर पर पुलिस देख परेशान होकर रियल एस्टेट कारोबारी जगतार सिंह उम्र करीब 45 साल ने गोली मार खुदकुशी कर ली। खुदकुशी करने से पहले उन्होंने दो पेजों का सुसाइड नोट भी लिखा है, जो थाना सदर पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। यह घटना मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे की है, जिसके बाद जगतार सिंह को लेकर उसका परिवार राजिदरा अस्पताल पहुंचा। सिर पर लगी गोली के कारण जगतार सिंह की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव कब्जे में लेने के बाद राजिदरा अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है। बुधवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। डीएसपी रूरल सुखमिंदर सिंह चौहान ने कहा कि जगतार सिंह सुसाइड केस में उसके भाई विक्रम के बयानों पर दो लोगों पर केस दर्ज किया गया है। यह मामला एएसआइ निशान सिंह और विक्की गर्ग निवासी गाव सूलर पर दर्ज हुआ है। इन लोगों पर जगतार सिंह को खुदकुशी के लिए मजबूर करने के आरोप लगे हैं। डीएसपी चौहान ने कहा कि फिलहाल केस दर्ज कर लिया है, मामले की पड़ताल की जा रही है।
जगतार सिंह द्वारा लिखे सुसाइड नोट के अनुसार उनका एचआर डेवलपर के नाम से रियल एस्टेट कारोबार था। उन्होंने करीब दस साल पहले 12 करोड़ 48 लाख रुपये में अराईं माजरा के नजदीक डंपिग ग्राउंड वाली जगह नीलामी में खरीदी थी। पूर्व चेयरमैन इंदरमोहन सिंह बजाज के कार्यकाल में खरीदी यह वक्फ बोर्ड वाली जमीन थी, जिसका अदालत में केस चल रहा था। इन सबका उन्हें पता नहीं था और इन्होंने डंपिग ग्राउंड की चारदीवारी व शिफ्ट करवाने पर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च भी हो गया। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पास तीन करोड़ 48 लाख रुपये जमा भी करवा दिए और जमीन पर कब्जा भी नहीं मिला। इतना पैसा खर्च करने के बाद भी उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ बल्कि कर्ज बढ़ गया। अब उसके खिलाफ राजपुरा में पुलिस शिकायत कर दी है, जिसके बाद उस पर राजपुरा के लोकल विधायक का दबाव बनाते हुए पुलिस परेशान कर रही है। इन लोगों से परेशान होकर वह खुदकुशी कर रहा है। यह है पूरा मामला
घटना के अनुसार जगतार सिंह का उसके पार्टनर के साथ पैसों के लेनदेन को लेकर झगड़ा चल रहा था। इसके बाद जगतार के पार्टनर ने डीएसपी राजपुरा के पास शिकायत दर्ज करवा दी। डीएसपी के पास चल रही जांच के संबंध में चौकी जनसुआ के इंचार्ज निशान सिंह परवाना नोट करवाने के लिए मंगलवार को जगतार के घर पहुंचे थे। पुलिस लगातार जगतार को पेश होने के लिए कह रही थी लेकिन वह पेश नहीं हो पाया था। जगतार के भाई विक्रम के अनुसार पुलिस उसके भाई को बेवजह परेशान कर रही थी, जिस वजह से उसने खुदकुशी की है। जगतार के बच्चे विदेश में रहते हैं। नियमों के अनुसार बोली की गई थी : बजाज
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन इंदरमोहन सिंह बजाज ने कहा कि नियमों के अनुसार उस समय के डीसी की मौजूदगी में सार्वजनिक रूप से बोली की गई थी। बोली में जमीन खरीदी गई थी, इसमें उनका कोई रोल नहीं है।
परवाना नोट करवाने गए थे : निशान
चौकी जनसुआ के इंचार्ज निशान सिंह ने कहा कि डीएसपी राजपुरा के पास चल रही शिकायत के संबंध में वह जगतार सिंह को परवाना नोट करवाने गए थे। बार-बार उसके पास परवाना नोट करवाने गए थे लेकिन उनकी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था। मंगलवार को भी परवाना नोट करवा लौट आए थे।