पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद बड़ा बदलाव, वीरेश कुमार भावरा बने पंजाब के नए DGP,

रिपोर्ट: परवीन कोमल 9876442643

Viresh Kumar Bhawra: जैसा कि पुलिस न्यूज़ इंडिया ने तीन दिन पहले ही कन्फर्म समाचार दिया था , उसकी पुष्टि आज हो गई । पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद बड़ी बदलाव हुआ है। पंजाब में नए डीजीपी की नियुक्ति हुई है। वीरेश कुमार भावरा को नया डीजीपी बनाया गया है।

वीरेश कुमार भावरा को पंजाब का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया

सूची में आईपीएस अधिकारियों दिनकर गुप्ता और प्रबोध कुमार का भी नाम था

आदेश में कहा गया कि भावरा का कार्यकाल न्यूनतम दो वर्ष का होगा

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के बाद चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। यूपीएससी से प्राप्त पैनल के विचार के आधार पर IPS वीरेश कुमार भावरा को पंजाब का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है। वीरेश कुमार भावरा 3 महीने में तीसरे DGP बने हैं। भावरा 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक बैठक की थी जिसमें इस शीर्ष पद के लिए तीन अधिकारियों को सूचीबद्ध किया गया था। भावरा के अलावा पूर्व पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता (1987 बैच के) और 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रबोध कुमार भी इसमें शामिल थे।

भावरा को फरवरी 2019 में गुप्ता की जगह पंजाब पुलिस खुफिया प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था, जिन्होंने तब पंजाब के डीजीपी के रूप में पदभार संभाला था। पंजाब के राज्यपाल ने आदेश में कहा कि संघ लोक सेवा आयोग से प्राप्त पैनल के विचार पर पंजाब के राज्यपाल आईपीएस वीरेश कुमार भवरा को पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं। उनका कार्यकाल भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 3 जुलाई, 2018 के आदेशों के अनुसरण में पदभार ग्रहण करने की तिथि से न्यूनतम दो वर्ष की अवधि के लिए होगा।

यूपीएससी को जो 10 आईपीएस अफसरों के नामों का पैनल पंजाब सरकार ने भेजा था उसमें अप्रूव हुए 3 नामों में सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का नाम शामिल नहीं था, इसीलिए कोड ऑफ कंडक्ट लगने से चंद घंटे पहले ही पंजाब सरकार ने आनन-फानन में वीके भांवरा को पंजाब का नया डीजीपी पर नियुक्त कर दिया है. अगर कोड ऑफ कंडक्ट लगने से पहले पंजाब सरकार डीजीपी का नाम तय ना करती तो ऐसे में इलेक्शन कमिशन के पास डीजीपी नियुक्त करने का अधिकार चला जाता फिर इलेक्शन कमीशन ने भी श्री भावरा को ही डीजीपी लगाना तय था इसलिये चन्नी एन्ड पार्टी ने सेहरा अपने सर बांध लिया।

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