14 साल से नहीं मिली तरक्की,दिल्ली पुलिस के 274 सब इंस्पेक्टरों ने पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र


दिल्ली पुलिस के 2010 बैच के 274 सब इंस्पेक्टरों (एग्जीक्यूटिव) को 14 साल बाद भी पदोन्नति नहीं मिलने से उनमें असंतोष की भावना पनप रही है। सब इंस्पेक्टरों ने इस मसले को लेकर 14 फरवरी को पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को पत्र सौंप न्याय की गुहार लगाई है। इसी बैच के 26 सब इंस्पेक्टरों को तीन साल पहले तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना द्वारा पदोन्नत कर इंस्पेक्टर बना देने से इन्होंने पदोन्नति में असमानता का भी आरोप लगाया है। आयुक्त को दिए पत्र में सब इंस्पेक्टरों ने कहा है कि प्रमोशन प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी में नई उर्जा का संचार कर कार्यकुशलता बढ़ाने व उनके जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुलिस या अन्य किसी भी बल में अनुशासन व उसका रैंक बहुत मायने रखता है।अधिकतर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सब इंस्पेक्टरों के प्रमोशन का एक निश्चित समय निर्धारित है। मध्य प्रदेश, गुजरात व हरियाणा में छह से सात साल, चंडीगढ़, यूपी व पंजाब में आठ से नौ साल में होता है। हरियाणा पुलिस में यह नियम है कि आठ साल की सर्विस पूरी होने के पश्चात सब इंस्पेक्टर को पदोन्नत कर दिया जाता है। पूर्व पुलिस आयुक्त आलोक कुमार व राकेश अस्थाना के कार्यकाल में 20-20 सालों से जो पुलिसकर्मी बिना प्रमोशन के कार्यरत थे उन्हें स्पेशल ग्रेड व लुक आफटर ग्रेड देकर प्रमोशन दिया गया। राकेश अस्थाना के कार्यकाल में जो पुलिसकर्मी 10 साल की सर्विस पूरी कर अगली रैंक की सैलरी ले रहे थे उनको 2022 में अगली रैंक फंक्शनल रैंक में प्रमोट कर दिया गया। फंक्शनल रैंक प्रमोशन स्कीम का लाभ सभी काडर को मिला था। फंक्शनल रैंक प्रमोशन स्कीम में मिनिस्ट्रियल, स्टेनो, कंप्यूटर, डाग स्क्वायड, बैंड, माउंटेड पुलिस, कम्यूनिकेशन एमटी आदि काडर के पुलिसकर्मी जिनकी 10 साल की सर्विस पूरी हो चुकी थी उनको अगली रैंक में प्रमोट कर दिया गया था। फंक्शनल रैंक प्रमोशन स्कीम के तहत 2010 बैच के 26 सब इंस्पेक्टरों को प्रमोट कर इंस्पेक्टर बना दिया गया। लेकिन 274 सब इंस्पेक्टरों को पदोन्नत नहीं किया गया। पिछले तीन साल में किसी सब इंस्पेक्टर को प्रमाेट नहीं किया गया है केवल पूर्व में प्रमोट किए गए इंस्पेक्टरों को रेगुलर किया जा रहा है।