अमली उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को लगेगी तोड़-पटियाला पुलिस ने भारी मात्रा में अफीम पकड़ी
मुक्क्गी फीम डब्बी चों यारो- हुन कोई अमली दा डंग सारो
जुर्म के खिलाफ फ़ास्ट ट्रैक पर चलते एक बड़ी कामयाबी प्राप्त करते हुए पटियाला पुलिस ने तीन इंसानियत के दुश्मन नशा तस्करों को 6 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार कर लिया है. इस बारे में जानकारी देते हुए एस एस पी पटियाला श्री मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि सरकार की तरफ से पंजाब में नशा मुक्ति के खिलाफ लहर को और भी कामयाब करते हुए जिला पुलिस की तरफ से तीनों को वरना गाड़ी समेत और 6 किलोग्राम अफीम के साथ दबोच कर थाना सिविल लाइन पटियाला में धारा 18 /61/85 एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा नंबर 347 दर्ज किया गया है. इसके बारे में और जानकारी देते हुए पुलिस न्यूज़ इंडिया को एसएसपी पटियाला श्री मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि इंस्पेक्टर विजय कुमार इंचार्ज सीआईए स्टाफ समाना की अगुवाई में जब समाना सीआईए की पुलिस पार्टी ऑफिसर कॉलोनी में मौजूद थी तो उनको सूचना मिली
कि भवानीगढ़ के का रहने वाला महेंद्र सिंह अपने सगे भाई हरजिंदर सिंह और अपने साथी पवन कुमार निवासी फतेहगढ़ छन्ना जिला पटियाला के साथ मिलकर यूपी की साइड से भारी मात्रा में अफीम लेकर पटियाला शहर की तरफ जाएंगे. इस सूचना के मिलते ही पुलिस ने गुरु नानक फाउंडेशन स्कूल पटियाला के पास सूलर के पुल के निकट नाकाबंदी की और कार को रोककर जब दोषियों को काबू किया और कार की तलाशी ली तो कार की डिक्की में पड़ी स्टीपनी के नीचे बैग में से 6 किलो अफीम बरामद हो गई पता लगा है कि पूछताछ के दौरान दोषियों ने यह बात कबूल की है कि चुनाव के दौरान अमली उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को बेचने के लिए यह अफीम रामपुर उत्तर प्रदेश के किसी स्मगलर से 1 लाख 20 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर लेकर आए थे और
अफीम की कुल कीमत 7 लाख 20 हजार रुपये थी. एसएसपी श्री मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि इस बात की गहराई से पड़ताल की जा रही है कि इस अफीम को किस-किस व्यक्ति को सप्लाई करना था. उन्होंने यह भी बताया कि पता लगाया जा रहा है कि यह अफीम किन-किन नशा करने वाले व्यक्तियों के पास पहुंचती है.
पटियाला पुलिस की इस फट्टे चक्क कारवाई से जहां अब अमली सदमे की हालत में हैं और कई अमलियों की करतारो रूठने के आसार भी पैदा हो गए हैं . कई अमलियों का विचार है कि पटियाला पुलिस तो अब अपनी कार्रवाइयों से बाज नहीं आयेगी इस लिए बेहतरी इसी में है कि किसी नजदीकी डेरे में जाकर नाम दान ले लिया जाये .