बंगाल में सीबीआई के पांच अधिकारी बंधक बनाने के बाद छोड़े गए -केंद्र ने भेजी सी आर पी

 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में अभूतपूर्व तमाशा हुआ। सीबीआई महानगर के पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने पहुंची तो पुलिस ने सीबीआई की टीम को गिरफ्तार कर लिया। फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कमिश्नर राजीव कुमार का पक्ष लिया। और केंद्र की रवैए के खिलाफ धरने पर बैठी। धरने पर बैठने के बाद सीबीआई टीम को रिहा किया गया। बताया जा रहा है कि सारदा चिटफंड घोटाले में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके सरकारी आवास पर पहुंची सीबीआई की टीम के साथ पुलिस ने मारपीट भी की है। बाद में उनको पकड़ कर थाने में ले जाया गया, जहां पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया।

राज्य की पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के बीच के इस टकराव से बड़ा प्रशासनिक संकट खड़ा हो गया है। सीबीआई के पांच अधिकारियों को हिरासत में लेने के बाद कोलकाता पुलिस की टीम बंगाल में सीबीआई के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंच गई। बताया जा रहा है कि संकट टालने के लिए अर्धसैनिक बल बुलाने तक की नौबत आ गई।

बहरहाल, इस हाई वोल्टेज ड्रामे की शुरुआत तब हुई, जब सारदा चिटफंड घोटाले की जांच के लिए रविवार को सीबीआई की टीम कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पहुंची। वहां बताया जा रहा है कि पुलिस पहले से मौजूद थे। दो डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी वहां मौजूद थे। वहां पुलिस ने सीबीआई टीम के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इन अधिकारियों को शेक्सपीयर सरनी थाने ले गई गई। इस मामले में सीबीआई पूरी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज सकती है।

अधिकारियों ने बताया कि कमिश्नर के बंगले पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने सीबीआई की टीम से वारंट दिखाने को कहा। उसके बाद हंगामे के हालात पैदा हो गए। फिर कोलकाता पुलिस के अधिकारी सीबीआई के अधिकारियों को जबरन पास के एक थाने में ले गए। इससे पहले सीबीआई ने दावा किया था कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार फरार चल रहे हैं, जबकि एजेंसी को उनसे पूछताछ करनी है। इसके बाद रविवार को 40 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके आवास पर पहुंची थी।

सीबीआई के मुताबिक, चिटफंड घोटालों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की बनाई एसआईटी की अगुवाई कर चुके आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार से गायब दस्तावेजों और फाइलों के बाबत पूछताछ करनी है, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए जारी नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया है। सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए पिछले दिनों कोलकाता आए चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था।

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