पी आर टी सी की बस में याद आया महाभारत का द्रौपदी चीरहरण कांड
पटियाला की पीआरटीसी की बस में सवार लोगों को उस समय महाभारत काल के द्रोपदी चीर हरण कांड की याद आ गई जब पीआरटीसी की बस नंबर PB 65 AD 1205 के कंडक्टर ने एक महिला को गलत जगह पर अश्लीलता से छूते हुए दुपट्टे से बुरी तरह खींच के थप्पड़ मारकर धक्का देकर बस से उतार दिया और उसके साथ गाली गलौज करते हुए अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि बस तेरे बाप की नहीं,हमारी है,हमने फ्री में औरतों को ढोने का ठेका नहीं ले रखा। गौरतलब है कि उस भद्र महिला को बस से गिराते ही ड्राइवर ने बस भगा ली ।प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर वह औरत एकदम से पलट कर खड़ी ना होती तो शायद बस के टायर के नीचे आ जाने से उसकी जान भी जा सकती थी। पंजाब सरकार की पीआरटीसी की बसों में औरतों के साथ दुर्व्यवहार का यह पहला किस्सा नहीं है। पहले भी कई सिरफिरे कंडक्टरों ने कई औरतों को बुरी तरह बेइज्जत और जलील किया है लेकिन पुलिस द्वारा दबाव में आकर ऐसे आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे इस तरह के अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं।हालांकि पंजाब सरकार ने कानून बनाकर नोटिफिकेशन जारी करके महिलाओं को पीआरटीसी की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की है लेकिन शायद बस स्टाफ को यह लगता है कि सवारी ने बस पर नहीं,शायद उन पर चढ़कर जाना हो।
यह बात काबिले जिक्र हैं कि इस समय पीआरटीसी की मैनेजिंग डायरेक्टर भी एक महिला ही हैं। पीआरटीसी की एमडी श्रीमती पूनम दीप सिद्धू जी को इस मामले के बारे में अच्छी तरह से ज्ञान है और यह देखना भी बाकी है कि इस मामले में क्या वह इस पीड़ित महिला को इंसाफ दे पाएंगी या नहीं। उस पीड़ित महिला ने कंडक्टर द्वारा बेइज्जत किए जाने के बाद अपने घर वालों को पूरी जानकारी दी और जब पीड़ित महिला के परिवार के दो-तीन लोग बस अड्डे पर पहुंचे और अड्डा इंचार्ज को शिकायत देने की कोशिश की तो वहां उनकी भी धुनाई कर दी गई। चाहिए तो यह था कि उस महिला की शिकायत का संज्ञान लिया जाता लेकिन उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर उस भद्र महिला के रिश्तेदारों पर ही पटियाला में मारपीट की एफ आई आर दर्ज करवा दी गई। उक्त महिला अपने साथ हुई इस दुखद घटना को लेकर कई बार पातड़ा थाने में जा चुकी है और जिल्लत और अपमान की शिकार वह महिला अपने साथ साथ हुई बे इंसाफी के बारे में न्याय लेने के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर हो चुकी है । एक तरफ तो पंजाब सरकार महिला सशक्तिकरण के बड़े-बड़े दावे करती हैं और दूसरी तरफ सरकार के ही कुछ कर्मचारी सरकार की इन कोशिशों को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। इस घटना को लेकर सभी महिला संगठनों में भारी रोष की भावना पाई जा रही है और महिला संगठन इसके बारे में जल्द ही नेशनल महिला कमिशन और पंजाब स्टेट महिला कमिशन को शिकायत देने जा रहे हैं । पुलिस ने महिला के रिश्तेदारों के खिलाफ तो पर्चा दर्ज कर दिया लेकिन इस घटना के पीछे कारण क्या थे इसको जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है क्योंकि पीड़ित महिला अकेली है और उसके साथ अत्याचार करने वाले कंडक्टर के साथ यूनियन की भारी-भरकम फौज है। इस मामले को लेकर समाजसेवी संस्थाएं माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में रिट पिटिशन दायर करने की भी तैयारी कर रही है जिसमें संबंधित दोषियों के साथ-साथ इस घटना पर महिला को इंसाफ ना देने वाले पुलिस कर्मचारियों को भी पार्टी बनाया जाएगा।