विजिलेंस ने थानेदार पकड़ा लेकिन बरामद ढाक के तीन पात
विजिलेंस ब्यूरो जालंधर की टीम ने थाना राहों में तैनात एएसआई बलविन्दर सिंह को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार करने के बाद विजिलेंस अधिकारीयों की कार्रवाई पर किन्तु परन्तु हो रहा है . विजिलेंस टीम जालंधर द्वारा की गई छापेमारी के दौरान एएसआई के पास मौके पर रिश्वत की कोई भी रकम बरामद नहीं हुई।
जालंधर से आई विजिलेंस की टीम के अधिकारियों को शिकायत के अनुसार जब एएसआई से कुछ भी बरामद नहीं हुआ तो टीम ने सारा थाना छान डाला। उन्हें कोई राशि बरामद नहीं हुई। इसके बाद विजिलेंस के अधिकारियों ने सफाई कर्मचारी बुलाकर थाने के गटर तक खुलवा लिए लेकिन फिर भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा।
विजिलेंस को थाना राहों में तैनात एएसआई की गिरफ्तारी के बाद भले ही रिश्वत के पैसों की रिकवरी नहीं हो पाई लेकिन अब विजिलेंस एएसआई से शिकायतकर्ताओं की हुई बातचीत की रिकार्डिंग को ठोस सबूत बनाने में जुट गई हैं। विजिलेंस ने जिस समय रेड की थी, उससे कुछ समय बाद नवांशहर की एसएसपी अलका मीणा ने विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी कर्णबीर सिंह से खुद बात की थी कि जब किसी तरह की कोई रिकवरी नहीं हुई है तो कार्रवाई कैसे हो सकती है। अलका मीणा विजिलेंस में खुद एसएसपी रह चुकी हैं, बावजूद इसके उनकी बात को डीएसपी ने नजरअंदाज कर दिया था।
विजिलेंस द्वारा अब यह कहा जा रहा है कि उनके पास थाना राहों में तैनात एएसआई बलविंदर सिंह और उनके खिलाफ रिश्वत लेने की शिकायत करने शिकायतकर्ताओं के बीच हुई बातचीत की 2 रिकार्डिंग्स हैं, जिसमें एएसआई पैसों की डिमांड कर रहा है। उन रिकार्डिंग्स में कितनी सच्चाई है, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन जिला पुलिस के जिन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने रिकार्डिंग सुनी है, उनके अनुसार रिकार्डिंग में पैसों की डिमांड वाली कोई बात नहीं है। जिला पुलिस प्रमुख अलका मीणा ने कहा कि थाना राहों के प्रभारी ने उन्हें बताया कि उन्होंने जो रिकार्डिंग सुनी है, उसमें कहीं भी एएसआई बलविंदर सिंह पैसे लेने की बात नहीं कर रहा। जिन लोगों के खिलाफ शिकायत थी, वे लोग ही एएसआई को पैसे देने की पेशकश कर रहे थे। हालांकि एएसआई ने तो आगे से कहा कि अधिकारी नए हैं और उनसे जाकर बात कर लीजिए।
एक मिनट में पैसे कहां गए, समझ से परे
एएसआई बलविंदर सिंह की गिरफ्तारी और उससे कोई भी रिकवरी न होने के मामले में हैरानी की बात तो यह है कि अगर शिकायतकर्ता (जिसने एएसआई द्वारा पैसे लेने की बात कही है) ने एएसआई को 15 हजार रुपए दिए थे तो वह पैसे एक मिनट में कहां चले गए। शिकायतकर्ता के अंदर से बाहर जाने और बाहर खड़ी विजिलेंस ब्यूरो की टीम के अंदर आने में एक मिनट से भी कम समय था। ऐसे में एएसआई बलविंदर सिंह को अगर पैसे दिए गए तो वो पैसे कहां चले गए। उधर, एसएसपी विजिलेंस दलजिंदर सिंह ने कहा कि एएसआई ने चालाकी से पैसे कहीं छिपा दिए। हैरानी की बात तो यह है कि अगर एएसआई ने पैसे लिए थे तो विजिलेंस ब्यूरो पैसे रिकवर क्यों नहीं कर पाई।