आई जी पटियाला को हाई कोर्ट की क्लीन चिट-अब्दुल शूकर बनाम स्टेट केस
1 लाख जुर्माना व् प्रतिकूल आदेश निरस्त
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आज अब्दुल शकूर बनाम, स्टेट ऑफ पंजाब केस में दायर सीआरएम एम 5669/2017 संगरूर का निपटारा करते हुए आईजी पटियाला श्री अमरदीप सिंह राय के पक्ष में फैसला सुनाया है. इस केस में 25 अक्टूबर 2018 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदरनीय जस्टिस श्री रामेन्द्र जैन ने अब्दुल शकूर की पिटीशन पर पटियाला के आईजी श्री अमरदीप सिंह राय को एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ साथ डीजीपी पंजाब को उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए आदेश देते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख 3 दिसंबर 2018 मुकर्रर की थी. आज पंजाब सरकार की दलीलें सुनने के बाद आदरणीय जज श्री रामेन्द्र जैन ने इस वाद का निपटारा करते हुए आदेश दिया है कि उक्त केस में लगाया गया जुर्माना और पूर्व आदेश निरस्त किया जाता है. अदालत के इस फैसले से उन लोगों को भी सबक मिलने की संभावना है जो अपने वकीलों के जरिए इस तरह की पिटीशन दायर करके अदालतों का कीमती वक्त जाया करते हैं .
गौरतलब है कि श्री अमरदीप सिंह राय एक ईमानदार एवं कर्तव्य शील पुलिस अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं और समाज व आम जनता में उनको बहुत ही सम्मान की नजर से देखा जाता है. पूरे मामले के अनुसार 15 जून 2016 को मोहल्ला जटपुरा मलेरकोटला में रहने वाले अब्दुल शकूर नाम के व्यक्ति के खिलाफ चाह राउ वाला जमालपुरा के रहने वाले अब्दुल हमीद पुत्र फकीर मोहम्मद ने ठगी ठोरी करने और नकली कागजात बनाकर धोखा करने के इल्जाम में धारा 420, 465, 468, 471 और 120 बी के तहत एफ आई आर नंबर 92 दर्ज करवाई थी जिसमें अब्दुल हमीद ने ठगी करने वाले अब्दुल शकूर के साथ साथ चार और व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया था इन लोगों ने मिलीभगत से जाली कागजात तैयार करके एक जायदाद धोखे से बेच दी थी और गलत तौर पर रजिस्ट्री करवा दी थी.
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पूरी जांच-पड़ताल करने के बाद डी ए लीगल की राय के लिए लिखा था लेकिन इस मामले पर उप जिला अटार्नी लीगल संगरूर ने लिखा था कि इस मामले में पुलिस द्वारा दखल देने लायक कोई जुर्म नहीं बनता, जिसके बाद अब्दुल हमीद ने एक दर्खास्त नंबर 8440 एसएसपी संगरूर को पेश करते हुए मांग की थी कि डिप्टी डीए लीगल ने जो कानूनी राय दी है वह राय असल तथ्यों के मुताबिक नहीं दी और डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी लीगल ने दूसरी पार्टी का पक्ष लिया है, इसलिए किसी और सीनियर कानूनी माहिर की राय ली जाए. इस एप्लीकेशन में अब्दुल हमीद ने सिविल सूट नंबर 48 का भी हवाला दिया था जिसके बाद एसएसपी संगरूर ने दोबारा एसपी मलेरकोटला को जांच रिपोर्ट वापस भेजते हुए निर्देश दिया था कि इस रजिस्ट्री से संबंधित तसीलदार और क्लर्क को भी शामिल तफ्तीश करते हुए पूरी जानकारी दी जाए.
इसके बाद यह मामला डिस्ट्रिक्ट अटार्नी के पास भेजा गया जिन्होंने इस मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष छानबीन की और सभी पक्षों को बुलाया और कानूनी पहलुओं को देखते हुए यह राय दी कि अब्दुल हमीद द्वारा जिन दोषियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं, उनके खिलाफ 420, 465, 468, 471 और 120 बी आईपीसी का मामला स्पष्ट तौर पर बनता है. इसके बाद 18 मई 2016 को दी गई रिपोर्ट के आधार पर 13 जून 2016 को एसएसपी संगरूर ने लिखा कि एस एच ओ पुलिस स्टेशन सिटी वन मलेरकोटला केस दर्ज करके आगे पड़ताल करें.
इसके बाद इस मुकदमे के आरोपी अब्दुल शकूर द्वारा आई जी पटियाला श्री ए एस राय और एस एस पी संगरूर के खिलाफ एक वकील खड़ा करके पटीशन दायर कर दी गई थी जिसका निपटारा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट आदरणीय जस्टिस रामेंद्र जैन ने करते हुए पटियाला के इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस श्री अमरदीप सिंह राय आईपीएस के पक्ष में फैसला सुनाया है.