एस एच ओ और तीन पत्रकार अरेस्ट-काल सेंटर से ले रहे थे 8 लाख रिश्वत
केस में फंसा कर मांगे थे 10 लाख रुपए, 8 लाख में हुई थी डील
आरोपियों के पास से मर्सिडीज कार और एक पिस्टल बरामद
तीन चैनलों के पत्रकारों के साथ मिलकर एक एस एच ओ ने काल सेन्टरों पर छापेमारी करके लाखों रुपये ऐंठने का प्लान बनाया लेकिन एस एस पी श्री वैभव कृष्ण ने इनके किये कराए पर पानी फेर दिया । नोएडा में पिछले दिनों काल सेंटर्स पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर वसूली करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शहर का सबसे चर्चित थाना सेक्टर-20 का एसएचओ ही तीन पत्रकारों के साथ मिलकर कॉल सेंटर मालिकों से उगाही का नेटवर्क चला रहा था। आरोपियों ने नवंबर 2018 में सेक्टर-2 में पकड़े गए एक कॉल सेंटर के मालिक का नाम जांच से हटाने और गिरफ्तार नहीं करने के एवज में 10 लाख रुपए की डिमांड की थी।
इस मामले में नोएडा के एसएसपी श्री वैभव कृष्ण ने बताया कि सेक्टर-20 एसएचओ मनोज पंत को रंगेहाथ 8 लाख रुपए के साथ पकड़ने के तुरंत बाद सस्पेंड करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा इस उगाही के मामले में उसके भागीदार तीन पत्रकार रमन ठाकुर, सुशील पंडित और उदित गोयल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
रंगदारी के इस मामले में 8 लाख रुपए में इनकी डील हो गई थी। इस डील के बारे में कॉल सेंटर मालिक ने एसएसपी वैभव कृष्ण को जानकारी दे दी, जिसके बाद एसएसपी ने ऑपरेशन ट्रैप के तहत सीनियर अधिकारियों और एंटी करप्शन अधिकारियों की एक टीम बनाकर रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ने का प्लान बनाया।
गौरतलब है कि मंगलवार सुबह 11 बजे शुरू हुए इस ऑपरेशन में एसएसपी के अलावा किसी को यह जानकारी नहीं थी कि किस पुलिसकर्मी को रंगेहाथ पकड़ना है। आखिरकार मंगलवार रात करीब डेढ़ बजे जब कॉल सेंटर मालिक, एसएचओ व तीनों पत्रकार के बीच पैसे का लेनदेन शुरू हुआ तभी एसएसपी की टीम ने छापेमारी कर चार लोगों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। नोएडा के सेक्टर-20 के थाने में इन सभी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
इस ऑपरेशन के दौरान एसएचओ का करीबी दोस्त और उगाही में शामिल जितेंद्र फरार हो गया। एस एस पी द्वारा पकड़े गए तीनों पत्रकार अलग-अलग न्यूज चैनल में कार्यरत हैं। इनके पास से 8 लाख रुपए बरामद होने के साथ ही एक मर्सिडीज कार और एक पिस्टल भी बरामद हुई है। बरामद पिस्टल पत्रकार उदित गोयल के नाम पर मिली है। एसएसपी ने बताया कि 27 जनवरी को कॉल सेंटर मालिक पुष्पेंद्र चौहान को फोन करके पत्रकार सुशील पंडित ने ही उसे गिरफ्तारी से बचाने के लिए 10 लाख रुपए की डिमांड की थी। इस मामले में अगर एस एस पी द्वारा कार्रवाई ना की जाती तो कई और काल सेंटर भी इन पत्रकारों की कुदृष्टि का शिकार हो सकते थे ।