ज़हर बेचते थे पंजाब के लोगों को हलवाई
मिलावटी दूध, पनीर, घी और दूसरे प्रोडक्ट बनाने वाली सिंगला मिल्क चिलिंग सेंटर के मालिक के पुलिस रिमांड से पता चला है कि नकली माल की सप्लाई शहर के प्रमुख विक्रेताओं को दी जाती है। शहर के प्रसिद्ध शिवा डेयरी सहित कई मिठाई बनाने वाले और डेयरी संचालक पुलिस की राडार पर आ गए हैं। इतना ही नही आरोपित इस्तेमाल किये जा रहे तेजाबी केमिकल को साथ लगते प्लाट पर डीप डिस्चार्ज बोर लगवा कर धरती का अंडर ग्राउंड वाटर दूषित कर रहा था।
हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस ने बताया कि थाना जुल्का इलाके में आते गांव मिहोण स्थित सिंगला मिल्क चिलिंग सेंटर में तैयार होने वाले दूध के जहरीले प्रोडक्ट पटियाला में नहीं बल्कि हरियाणा में भी सप्लाई हो रहे थे। शहर में नमी दुकानदार शिवा लस्सी शेरां वाला गेट, चावला डेयरी अनारदाना चौक, केडी मिल्क स्टोर फोकल प्वाइंट, सनौरी अड्डा स्थित बलदेव शर्मा, हीरा बाग स्थित राजू डेयरी में मिलावटी दूध के अलावा मिलावटी दूध से तैयार पनीर, घी सहित अन्य प्रोडक्ट्स सीधे सप्लाई किए जाते थे। इसके अलावा पंजाब, शमशेर डेयरी देवीगढ़, राणा चमकौर साहिब, पंजाब शुद्ध डेरी साहनेवाल, हरीश टीचर कालोनी राजपुरा, शिवालक फूड लिमिटेड कुराली, मारकांडा डेरी शाहबाद, धर्मपाल केटर कुरुक्षेत्र, राम शरन डेरी कुरूक्षेत्र व अरोड़ा डेरी कुरूक्षेत्र में भी मिलावटी पनीर व दूध की सप्लाई भेजी जाती थी।
एसपी सिटी केसर सिंह ने कहा कि सिंगल मिल्क चिलिंग सेंटर के मालिक अनिल कुमार व जय भगवान को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इन लोगों की मुख्य रूप से सप्लाई पटियाला शहर के अलावा राजपुरा, चमकौर साहिब, साहनेवाल, चीका, कुरूक्षेत्र, शाहबाद, कुराली में थी, यहां के कुछ डेयरी मालिक पहचान करने के बाद नामजद करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। कानूनी राय लेने के बाद इन लोगों के खिलाफ अलग से केस दर्ज किया जाएगा। पूरा गोरखधंधा सेहत महकमे के मुलाजिमों की मिलीभगत से चल रहा था, जिन्हें महीने की तय रकम रिश्वत के तौर पर जाती थी। यही नहीं सैंपल को पास करने के लिए भी रिश्वत की रकम फिक्स थी। एसपी सिटी केसर सिंह ने कहा कि एसएसपी के निर्देशों के बाद सीआईए स्टाफ के इंचार्ज दलबीर सिंह ग्रेवाल की टीम ने मिलकर यह पूरा गिरोह पकड़ा है।
हैरानीजनक बात ये है कि पांच सालों में करोड़ों का मालिक बन गया था आरोपित अनिल।
आरोपित अनिल कुमार पहले कुरूक्षेत्र हरियाणा इलाके में रहता था। आरोपित उधार में दूध लेकर लोगों के घरों में सप्लाई करता था और साल 2014 में देवीगढ़ कस्बे में शिफ्ट हो गया। यहीं से उसने मिलावटी पनीर व दूध बनाने का धंधा शुरू किया। इसके लिए आरोपित ने फराईविल रिफाइंड तेल के साथ सप्रेटा दूध मिक्स करके मिलावटी पनीर तैयार करता था। आरोपित इसके लिए केमिकल भी इस्तेमाल करता था और वह महीने में 1380 रुपये प्रति टीम के हिसाब से आठ सौ टीन रिफाइंड तेल दूध का मिलावटी प्रोडक्ट बनाने में इस्तेमाल करता था। करीब आठ लाख रुपये कीमत वह रिफाइंड तेल के हर महीने चुकाता था, जिससे वह मिलावटी पनीर तैयार करता। यह पनीर एक किलो 120 रुपये में तैयार होता था, जिसे मार्केट में करीब 250 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा था। आरोपित अनिल कुमार ने पांच सालों में ही अपनी फैक्ट्री खोलते हुए करोड़ों रुपये कमाई कर ली जबकि पहले वह उधार में दूध लेकर लोगों को सप्लाई करता था।
आरोपित ने सेहत महकमे द्वारा लिए जाने वाले सैंपल को पास करवाने व अधिकारियों की कार्रवाई से बचने के लिए सैटिंग कर ली थी। घुम्मण डेयरी के मालिक सुखविंदर सिंह और अब बलदेव शर्मा डेरी वाले के जरिए अनिल कुमार ने सेहत महकमे के अधिकारियों के साथ से¨टग की थी। इसके बदले में वह पांच हजार रुपये प्रति महीना रिश्वत भेजता था, जिसके बाद उसने महकमे द्वारा सैंपल लिए जाने पर इन्हें पास करवाने का भी इंतजाम कर लिया। आरोपित ने दस हजार रुपये प्रति सैंपल के हिसाब से रिश्वत भेजना शुरू कर दिया और उसके सैंपल भी पास हुए। महकमे के शक से बचने के लिए खरड़ लैब से कई सैंपल फेल भी करवाए हैं।
एसपी सिटी ने बताया कि चिलिंग सेंटर खोलते समय आरोपितों ने सेंटर के साथ लगते खाली प्लाट में केमिकल वाला पानी छोड़ना शुरू कर दिया था लेकिन समय के साथ प्रोडक्शन ज्यादा होने पर पानी इस प्लाट में छोड़ना मुश्किल हो गया। जिस वजह से इन लोगों ने प्लाट में डीप डिस्चार्ज बोर लगवा लिया और फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला तरल व केमिकल वाला पानी इस बोर के जरिए धरती में डाल दिया। यह जहर अंडरग्राउंड वाटर में मिक्स हो रहा था, जिस वजह से यह पानी पीने वाले लोगों की जिंदगी भी खतरे में पड़ रही थी। एसपी सिटी ने बताया कि एक तरफ जहां सेहत महकमे के सीनियर अधिकारियों को महीने की रिश्वत लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लेटर भेज चुके हैं, वहीं पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भी लिखा गया है।