बिहार पुलिस का नया ‘Car’ नामा, मालिक को चोर बता कर भेजा जेल

बिहार पुलिस ज़्यादातर अपने कारनामों की वजह से ही चर्चाओं में रहती है। किसी अज्ञात विवाहिता की हत्या के मामले में एक निर्दोष परिवार को महीनों जेल में रखने को लेकर चर्चित हुए सदर थाना के बाद अब पिपरा पुलिस ने भी कुछ ऐसा ही शाहकार  पेश किया है। बिहार पुलिस ने ऐसा नया काण्ड किया है जिसे जान कर आप सहम जाएंगे।

नितीश कुमार की ये पुलिस ऐसी निकली जिसने सुपौल में कार मालिक को ही कर का चोर बता कर जेल भेज दिया। दरअसल, दिल्ली में रहने वाले इस युवक का नाम है ‘आकाश’। आकाश ने नॉएडा सेक्टर 122 से एक व्यक्ति  से 85,000 रुपये में एक हौंडा सिटी कार खरीदी। पुरानी गाड़ी खरीद कर आकाश दिल्ली से खुशी खुशी अपने गांव पहुंचा। गांव पहुंचने के बाद वो अपने एक दोस्त के यहाँ खाने पे गया हुआ था। तभी पिपरा पुलिस के अधिकारी अवधेश कुमार उसको पकड़ कर थाने में ले आये और पूरी रात उसे हवालात में बंद रखा।

पीड़ित का आरोप है की, साज़िशन किसी ने फ़ोन कर पुलिस को ये कहा की, वो चोरी की गाड़ी है। इस पर दरोगा अवधेश यादव  उसे किसी और के घर से हिरासत में ले कर थाने ले गया। ना कोई छानबीन की और ना ही ज्यादा पूछताछ की। हो सकता है कि उसे इसके लिए पैसे दिए गए हों और सुबह सुबह चालान काट के उन्हें जेल भेज दिया गया। सबसे बड़ा चौकाने वाला काम बिहार पुलिस के इन होनहारों ने यह किया कि, आकाश को जेल पहुंचाने वाले केस के इंचार्ज फगेन्द्र कुमार ने मीडिया के सामने ही कबूल लिया कि उन्होंने इस केस की कोई जांच नहीं की है। सिर्फ थानाध्यक्ष के कहने पर वह इसे जेल भेजने के लिए ले आए। उन्होंने बस आदेश का पालन किया, वह इस लड़के को नहीं जानते थे।

कोर्ट में 2 दिन के बाद जब युवक आकाश ने जज को पूरी बात बताई। इस पर पूरा का पूरा मामला पलट गया। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को जमके फटकार लगाई और सवाल किया कि आखिर किस आधार पर युवक को जेल भेजा गया। वकील अरुण कुमार ने कहा कि, ना ही कोई FIR दिखाई जा रही है, और ना ही किसी को कोई जानकारी है आकाश की गिरफ्तारी के संदर्भ में। फिलहाल आकाश जेल से बाहर आ चुका है और आगे की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहा है। उसने कहा है कि वह मानवाधिकार आयोग में इसकी शिकायत करेगा और उसकी मांग है कि दरोगा नौकरी से बर्खास्त हो। जब से इस मामले का खुलासा हुआ है तब से लोग बिहार पुलिस से बहुत डरे हुए हैं। सवाल पैदा ये होता है कि आखिर इस तरह से पुलिस किसी भी बेगुनाह को कैसे परेशान कर सकती है।

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