पंजाब के नए DGP दिनकर गुप्ता आई पी एस

Parveen Komal
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पंजाब के नए DGP दिनकर गुप्ता का नाम तय हो चुका है। 1987 बैच के IPS अधिकारी गुप्ता की सेवानिवृत्ति मार्च 2024 में होनी है। पंजाब के इंटेलिजेंस चीफ श्री दिनकर गुप्ता का किसी भी राजनीतिक दल से नाता न होने के कारण उनके डीजीपी बनने की राह आसान हुई।  इससे पहले उन्होंने केंद्र सरकार में डैपूटेशन के दौरान आईबी में बतौर ज्वाइंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया है।

जानकारी के मुताबकि UPSC को भेजी गई वरिष्ठ IPSअधिकारियों की सूची में मोहम्मद मुस्तफा, दिनकर गुप्ता, एस चट्टोपाध्याय, और सुमंत गोयल सहित 6 नाम शामिल थे।
वर्तमान में पंजाब के DGP सुरेश अरोड़ा कोर्ट के आदेशों के मुताबिक सेवा विस्तार पर चल रहे हैं। मामला क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था इसलिए उन्हें 9 माह का सेवा विस्तार दिया गया है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस DGP के चयन और दो साल के न्यूनतम तय कार्यकाल के संबंध में अपने पिछले आदेश में बदलाव की मांग को लेकर पांच राज्यों की याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा कि 2006 के फैसले की मंशा पुलिस तंत्र को राजनीतिक और कार्यपालिका के हस्तक्षेप से मुक्त करना था। पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, केरल और बिहार ने 2006 के फैसले और इसके बाद तीन जुलाई 2018 के आदेश में बदलाव की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था।

DGP के चयन और कार्यकाल पर सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में निर्देश दिया था कि राज्य सरकार को तीन वरिष्ठतम अधिकारियों में से पुलिस प्रमुख का चयन करना चाहिए। न्यायालय ने कहा था कि राज्यों को पुलिस प्रमुख के सेवानिवृत्त होने से कम से कम तीन महीने पहले नए पुलिस प्रमुख के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों की सूची UPSC को भेजनी होगी।

इस से पहले सोमवार को हुई बैठक में आयोग की ओर से तीन आईपीएस अधिकारियों सुमंत गोयल, मोहम्मद मुस्तफा और दिनकर गुप्ता के नाम पर चर्चा हुई थी लेकिन इसके बाद आयोग ने 1987 बैच के दिनकर गुप्ता, एमके तिवारी और वीके भावरा का पैनल अचानक आगे कर दिया था लेकिन एक निष्पक्ष व्यक्तित्व का फायदा श्री दिनकर गुप्ता के पक्ष में गया।

पंजाब में जब अकाली भाजपा की सरकार थी और एक एक करके हो रही हिन्दू नेताओ की कॉन्ट्रैक्ट किलिंग से हालात एक बार फिर खराब हो रहे थे ,तब बतौर डीजीपी विजिलेंस श्री गुप्ता ने अपने नेटवर्क की मदद से इन हत्याओं के आरोपियों और साजिशकर्ताओं को बेनकाब करने के लिए दिन रात एक कर दिया था , इसी दौरान राज्य में कांग्रेस की सरकार अस्तित्व में आ गयी और आर.एस.एस.नेता रविंदर गोसाई और पास्टर सुल्तान मसीह की भी हत्यारो ने हत्या करदी ,इसी दौरान श्री गुप्ता की अगुवाई में इंटेलिजेंस और पंजाब पुलिस की टीम ने हत्यारो को काबू कर साजिश का पर्दाफाश कर दिया था ,असल में श्री गुप्ता एक ईमानदार और धड़ेबाजी से दूर रहकर काम करने वाले अधिकारी के तौर पर जाने जाते है ,विवादों से दूर रहने और बैलेंस बनाकर रखने में परिपक़्व इस अधिकारी ने लुधियाना ,जलंधर में बतौर एस.एस.पी काम करते हुए आम जनता में जो अपनी छाप छोड़ी थी उसको आज भी लोग याद करते है । उधर अप्रैल या मई में देश में लोक सभा चुनावो का बिगुल बजने जा रहा है ,ऐसे में ईमानदार ,विवादरहित ,और बैलेंस बनाकर ड्यूटी करने के लिए मशहूर इस अधिकारी की नियक्ति में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की सहमति बनी।

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